प्रधानमंत्री पूरे देश का सम्मान हैं; उनको गाली देना देश को गाली देना है – Yogeshwar Dutt

Yogeshwar Dutt and Modi

क्या देश के एक प्रधान मंत्री के खिलाफ गलत बयान देना और लगातार गलत शब्दों से बेइज्ज़त करना जायज़ है? हाल ही में कई नेतावो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए है। कम्युनिस्ट नेता सुनीत चोपड़ा ने मोदी के बारे में कहा – “कौवा अगर मोर का पंख लगा लेगा तो थोड़ी न मोर कहलाएगा कौवा ही कहलाएगा”।

 

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद की जुबान प्रधान मंत्री के खिलाफ फिसली। उन्होंने कहा “मुझे तो शर्म आती है की मोदी हमारा प्रधानमंत्री है, मोदी एक नीची लेवल का प्रधानमंत्री है”। ६ दिसंबर को हामिद अंसारी, मनमोहन सिंह, मणिशंकर अय्यर, पाकिस्तानी राजदूत, और कांग्रेस के कई नेताओं ने गुपचुप तरीके से मीटिंग की। इस गुपचुप मीटिंग की नींदा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की अगर मिलना है तो खुलेआम मिलो। और इसी बात पर गुलाम नबी आज़ाद ने मोदी को ‘नीची लेवल का प्रधानमंत्री’ कहा।

 

हाल ही में गुजरात चुनाव में वडगाम से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिमालय चले जाने की सलाह दी। यही नहीं, जिग्नेश ने यह भी कहा कि मोदी वहां किसी राम मंदिर को पकड़ लें और घंटी बजाए।

 

जिग्नेश ने न्यूज18 को दिए एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि मोदी को मोदी को अब रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। देश के युवाओं से माफी मांगनी चाहिए क्यों कि उन्होंने देश के युवाओं से रोजगार का वादा जो किया था पूरा नहीं किया।

 

ऐसे बयान पर ट्वीट करते हुए Yogeshwar Dutt, फ्रीस्टाइल पहलवान, ओलंपिक पदक विजेता ने कहा “आश्चर्य होता है अपने देश पर जहाँ पर आतंकवादियों को तो सम्मान दिया जाता है और प्रधानमंत्री को गालियाँ दी जाती हैं!प्रधानमंत्री पूरे देश का सम्मान हैं उनको गाली देना देश को गाली देना है!यदि संविधान में यह दंडनीय अपराध बना दिया जाए तो शायद किसी की हिम्मत नहीं होगी फिर ऐसा करने की!”

Yogeshwar Dutt opinion

मोदी के पाकिस्तानी अधिकारियों और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मुलाकात की आरोप पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि मोदी को शर्म आनी चाहिए, कि वे देश को तबाह कर दिया है और प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम की है।

 

२०१४ लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी को ‘चायवाला’ कहा था। हाल ही में, दिसंबर ७, २०१७ में अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘नीच’ और ‘असभ्य’ बताया। दिल्ली स्थित इंटरनैशनल बाबा साहेब आंबेडकर सेंटर का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर इशारों में निशाना साधते हुए कहा था की कांग्रेस ने एक परिवार को बढ़ाने के लिए बाबा साहेब के योगदान को दबाया। सही तो कहा था मोदी ने। मोदी के इस बयान पर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी को ‘नीच’ और ‘असभ्य’ कहा।

 

अक्टूबर २०१५ में बिहार के मुजफ्फरपुर के कांटी विधानसभा क्षेत्र के रातल मैदान पर आयोजित चुनावी सभा के दौरान लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए। इस सभा में लालू ने मोदी को ब्रह्मपिशाच कहा था। लालू प्रसाद की जुबान प्रधान मंत्री के खिलाफ कई बार फिसली। चुनाव आयोग ऐसे संबोधनों को लेकर लालू को पहले भी चेतावनी दे चुका था। लेकिन, इन चेतावनीयो का कोई फर्क नहीं पड़ा। लालू प्रधान मंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहे।

 

क्या मोदी को लगातार ऐसे बयानों से बेइज्ज़त करना जायज़ है? आलोचना करना कोई बुरी बात नहीं परन्तु एक देश के एक प्रधान मंत्री को ऐसे आपत्तिजनक बयान से बेइज्ज़त करना जायज़ नहीं है।

 

Featured image courtesy: Livemint (PM Modi) and WebbyBuzz (Yogeshwar Dutt).

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