कौवा! नीच! ब्रह्मपिशाच! क्या एक प्रधान मंत्री को लगातार ऐसे शब्दों से बेइज्ज़त करना जायज़ है?
 प्रधानमंत्री मोदी
हाल ही में कई नेतावो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए है। कम्युनिस्ट नेता सुनीत चोपड़ा ने मोदी के बारे में कहा – “कौवा अगर मोर का पंख लगा लेगा तो थोड़ी न मोर कहलाएगा कौवा ही कहलाएगा”।

 

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद की जुबान प्रधान मंत्री के खिलाफ फिसली। उन्होंने कहा “मुझे तो शर्म आती है की मोदी हमारा प्रधानमंत्री है, मोदी एक नीची लेवल का प्रधानमंत्री है”। ६ दिसंबर को हामिद अंसारी, मनमोहन सिंह, मणिशंकर अय्यर, पाकिस्तानी राजदूत, और कांग्रेस के कई नेताओं ने गुपचुप तरीके से मीटिंग की। इस गुपचुप मीटिंग की नींदा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की अगर मिलना है तो खुलेआम मिलो। और इसी बात पर गुलाम नबी आज़ाद ने मोदी को ‘नीची लेवल का प्रधानमंत्री’ कहा।

 

मोदी के पाकिस्तानी अधिकारियों और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मुलाकात की आरोप पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि मोदी को शर्म आनी चाहिए, कि वे देश को तबाह कर दिया है और प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम की है।

Prime minister remarks

दिसंबर ७, २०१७!  २०१४ लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी को ‘चायवाला’ कहा था। हाल ही में, दिसंबर ७, २०१७ में अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘नीच’ और ‘असभ्य’ बताया। दिल्ली स्थित इंटरनैशनल बाबा साहेब आंबेडकर सेंटर का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर इशारों में निशाना साधते हुए कहा था की कांग्रेस ने एक परिवार को बढ़ाने के लिए बाबा साहेब के योगदान को दबाया। सही तो कहा था मोदी ने। मोदी के इस बयान पर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी को  ‘नीच’ और ‘असभ्य’ कहा।

 

अक्टूबर २०१५! बिहार के मुजफ्फरपुर के कांटी विधानसभा क्षेत्र के रातल मैदान पर आयोजित चुनावी सभा के दौरान लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए। इस सभा में लालू ने मोदी को ब्रह्मपिशाच कहा था। लालू प्रसाद की जुबान प्रधान मंत्री के खिलाफ कई बार फिसली। चुनाव आयोग ऐसे संबोधनों को लेकर लालू को पहले भी चेतावनी दे चुका था। लेकिन, इन चेतावनीयो का कोई फर्क नहीं पड़ा। लालू प्रधान मंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहे।

 

कौवा! नीच! नीची लेवल! ब्रह्मपिशाच! क्या मोदी को लगातार ऐसे शब्दों से बेइज्ज़त करना जायज़ है? आलोचना करना कोई बुरी बात नहीं परन्तु एक देश के एक प्रधान मंत्री को ऐसे आपत्तिजनक बयान से बेइज्ज़त करना जायज़ नहीं है।

 

Featured image courtesy: Times of India.
Facebook Comments Box
The following two tabs change content below.
error: Content is protected !!
Loading...

Contact Us