Rahul Gandhi और वंशवाद: क्या नेता सिर्फ एक परिवार से होंगे?

Rahul Gandhi

प्राचीन काल से कई वंश दुनिया में चले आ रहे हैं तथा अपने वंश पर गर्व या गौरव करना गलत बात भी नहीं है | पर कुछ लोग जब वंश को सत्ता पर अधिकार पाने का जरिया बनाकर वंशवाद को उचित ठहराने का प्रयास करते हैं तो सवाल उठना लाजमी है | यदि कोई व्यक्ति अपने पूर्वजों के किये कामो की तारीफ करे तथा अपना भविष्य अपनी मेहनत के दम पर स्वयं बनाने का प्रयास करे तो इसे वंशवाद नहीं कहा जाएगा , लेकिन राजा का बेटा राजा या नेता का बेटा नेता बनने का प्रयास, बिना मेहनत के , सिर्फ वंश के आधार पर जब करने लगे, तो यह अनुचित वंशवाद है |

 

हाल ही में कांग्रेस के युवराज कहे जाने वाले Rahul Gandhi ने अमेरिका में अपने भाषण के दौरान वंशवाद के प्रश्न पर ना सिर्फ वंशवाद को उचित ठहराने का प्रयास किया बल्कि अभिषेक बच्चन तथा अखिलेश यादव के उदाहरण देकर वंशवाद को उचित ठहराने का प्रयास भी किया | अब सवाल यह उठता है के उस देश में जहाँ लगभग १३० करोड़ लोग रहते हों, वहां उन सभी पर शासन करने का अधिकार क्या सिर्फ एक ही परिवार के बच्चों को होगा ? क्या १०० वर्ष से पुरानी पार्टी कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व की इतनी कमी हो गयी है की अब उन्हें आगे बढ़ने तथा स्वयं को बचाने के लिए एक वंश का सहारा लेने पड़ रहा है ?

 

ऐसे ही कुछ प्रश्न Rahul Gandhi जी के भाषण के विषय में कई ट्विटर एकाउंट्स पर उठाये गए :

Rahul Gandhi Dynasty Comment

कुछ लोग जिनको बात बात पर प्रधानमंत्री मोदी को कोसने की आदत है, उन्होंने इस बार भी Rahul Gandhi के बयान के बहाने मोदी को कोसने का बहाना खोज ही लिया जैसे :

Rahul Gandhi Dynasty Comment

 

गौर करने वाली बात यह है की Rahul Gandhi ने यह भाषण अपने देश में नहीं बल्कि अमेरिका में जाकर विश्वविध्यालय में दिया | इससे भारत की छवि ना सिर्फ देश में बल्कि दुनिया भर में धूमिल हो सकती है | पहले से ही वामपंथी मीडिया के नकारात्मक दृष्टिकोण के कारण भारत को दलितों को दबाने वाला, अल्पसंख्यकों की हत्या करने वाला, बलात्कार करने वाले देश के रूप में विदेशो में बहुत दुष्प्रचारित किया गया है | अब इसमें वंशवाद का एक ओहदा और जुड़ जाएगा |

 

Rahul Gandhi को स्वयं का नहीं तो कमसे कम देश की इज्जत का तो ख्याल विदेश में रखना चाहिए था | देश की नकारात्मक छवि बनने से ना सिर्फ पर्यटन, विदेशी निवेश आदि का नुकसान होता है बल्कि देश के लोगों की भी छवि खराब होती है | विदेशों में देश को वंशवादी बताने के ऊपर भी कई लोगों ने ट्विटर पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी :

Rahul Gandhi Dynasty Comment

Rahul Gandhi Dynasty Comment

Rahul Gandhi जी को यह समझना चाहिए के सिर्फ एक परिवार का वंशज होने से यदि बादशाहत मिला करती तो उनके परिवार का नम्बर भी नहीं आया होता, पुराने राजा तथा उनके बच्चे अब तक राज कर रहे होते | नेता अपनी काबिलियत से बना जाता है, किसी उपनाम के आधार पर नहीं  | इस देश की जनता भोली जरुर है मगर मुर्ख नहीं है | वह सही और गलत में अंतर करना जानती है |

 

जिस गांधी उपनाम का आप प्रयोग करते हैं, उन महात्मा गांधी को भी अफ्रीका का बड़ा आन्दोलन करने के बाद भी भारत आकर पहले पूरा भारत घूमना पड़ा था तब जाकर कहीं भारत और इसके ग्रामीण परिवेश को समझ पाए थे | आप इस समय विपक्ष में हो , यह सही मौका था आत्ममंथन का तथा भारत के गाँव घुमने का मगर आपने अमेरिका में जाकर भारत को वंशवादी बताना ज्यादा उचित समझा | यदि आपकी यही नीतियां रही तो बीजेपी का विपक्ष मुक्त भारत का सपना सच करने में आप बड़ा सहयोग करेंगे |  

 

Featured image source: PTI.

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Shubham Verma

Shubham Verma is a writer and researcher on Social Sciences, Indian culture, internal security and rural development. He works with Public Policy Research Center. His interests are community development and social work.
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