‘Jai Shri Ram’ अब जाओ, जो उखारने है उखाड़ लो: तारिक फतेह

Jai Shri Ram opinion by Tarek Fatah

हमारे रोजमर्रा के जीवन में Jai Shri Ram, राम राम, जय रामजी की, के नारे से नमस्कार करना आम हैं। लेकिन आज के स्थिति में आप अगर जय श्रीराम कहते हैं तो आपको सांप्रदायिक कहा जा सकता है! जय श्रीराम का नारा लगाना पड़े, तो इसमें क्या दिक्कत है?

 

हाल ही में नीतीश सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री खुर्शीद (फिरोज अहमद) बिहार विधानसभा में Jai Shri Ram का नारा लगाए। इस बात पर इस्लामी संस्था इमारत-ए-शरिया ने खुर्शीद के खिलाफ फतवा जारी किया है। इस संस्था ने उन्हें इस्लाम से खारिज और मुर्तद करार दिया है। खुर्शीद का मानना यह है की राम और रहीम एक हैं।

 

पाकिस्तानी मूल के जानी मानी कनाडाई लेखक, प्रसारक एवं सेक्युलर उदारवादी कार्यकर्ता तारिक फतेह ने ट्वीट करके कहा: ‘Jai Shri Ram’ अब जाओ, जो उखारने है उखाड़ लो। तारिक फतेह एक उदारवादी इस्लाम के पक्ष को बढ़ावा देने और इस्लामी अतिवाद के ख़िलाफ़ बोलने के लिये प्रसिद्ध हैं।

Jai Shri Ram Tarek Fatah opinion

जुलाई में जब श्री रामनाथ कोविंद ने भारत के १४ वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिए थे, तब शपथ ग्रहण के दौरान सांसद में Jai Shri Ram के नारे लगे। कई सांसदों ने भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगाए थे।

 

अप्रैल में यूपी में मुरादाबाद के पंचायत भवन में ‘एक शाम आरटीआई कार्यकर्ताओं के नाम’ कार्यक्रम में सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने सार्वजनिक मंच से ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे। यह नारा उन्होंने तब लगाए जब हिंदू-मुस्लिम की बात छेड़ने पर एक बीजेपी नेता आपत्ति उठा रहे थे।

 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की जबर्दस्त जीत के बाद भाजपा सदस्यों ने सदन में ‘जय श्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए थे।

 

पिछले साल विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने Jai Shri Ram के नारे लगाए थे। इस बात पर बड़ी हंगामा हुई! कट्टरपंथी राजनीतिक सेक्युलर दलों और मीडिया विशेषज्ञों ने यह सांप्रदायिक बयान माना।

 

कुछ साल पहले जयपुर स्थित राजभवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में वरिष्ठ राजनीतिज्ञ कल्याण सिंह ने राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली। शपथग्रहण समारोह के दौरान ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए गए थे। इस बात पर भी बड़ी हंगामा हुई! कल्याण सिंह ने बाद में यह कहा कि Jai Shri Ram कहना आस्था का विषय है।

 

राम शब्द बहुत आम है: रामनाथ, रामेश्वर, रमाकांत, रमेश, रामानुज, इत्यादि। सदियों से जो हम हमारे रोजमर्रा के जीवन में Jai Shri Ram या राम नाम से नमस्कार करते हैं, क्या हम बंद करदे ‘सांप्रदायिक’ टैग की डर से?

 

Featured image courtesy: Twitter and YouTube.

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Manoshi Sinha is a writer, history researcher, avid heritage traveler; Author of 8 books including 'The Eighth Avatar', 'Blue Vanquisher', 'Saffron Swords'.
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