हे माँ भारत, हे माँ भारत,
स्वर्ग है तू और तू हीं ज़न्नत !
जनम-दर-हम-जनम लेकर,
हो जाएँ निस्सार तुझ पर,
है ये हीं आख़िरी तमन्ना,
और ये हीं अंतिम मन्नत,
हे माँ भारत ———-!
न आने देंगे आंच तुझ पर,
तू सोच नहीं न कोई फिकर कर,
तेरे मान-सम्मान में माँ,
न होगी कोई किल्लत,
हे माँ भारत ———–!
गरजने दे दुश्मनों को,
हम तैयार हें माँ,
मिटाकर रख हीं देंगे,
उनका दोनों जहां,
बना देंगे ज़िन्दगी उनकी,
कसम से एक ज़िल्लत,
हे माँ भारत —————-!
कमी न कोई आएगी,
तेरे आन-बान में,
तिरंगा लहराता रहेगा,
हमेशा अपनी शान में,
देखंगे हम भारतवासी,
दिन और भी उन्नत,
हे माँ भारत —————–!
चटाकर धूल रख देंगे,
बढा कदम जो कोई सीमा पर,
झलक दिखला चुके हें,
पहुँच कर उनकी गरिमा पर,
करेंगे हालत ऐसी,
जैसे लाचारी मिन्नत,
हे माँ भारत —————–!
हे माँ भारत, हे माँ भारत,
स्वर्ग है तू और तू हीं ज़न्नत !

Kamlesh Kumar

Latest posts by Kamlesh Kumar (see all)
- सफ़र मंजिल का - March 18, 2025
- बच्चे भारत माँ के वीर जवानों के - March 18, 2025
- आज़ादी - March 18, 2025